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Bihar Panchmi 2022: सोमवार 28 नवंबर को ठा. बांकेबिहारी का प्राकट्योत्सव है।

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Bihar Panchmi 2022
Bihar Panchmi 2022

Bihar Panchmi 2022: इस साल 28 नवंबर, सोमवार को वृंदावन में मेरे बांके बिहारी जी का प्राकट्य उत्सव मनायेगा। संवत् 1652 में मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को स्वामी हरिदास की संगीत साधना से प्रसन्न होकर ठाकुर जी यानि मेरे बांके बिहारी जी निधिवन के राज मंदिर में प्रकट हुए थे। इसी दिन प्रत्येक वर्ष बिहार पंचमी के रूप में मनाया जाता है। जिस दौरान धूमधाम से लोग ठाकुर जी का प्राक्ट्योत्सव मनाते हैं। जिसकी भव्य शुरूआत निधिवन में दीपोत्सव व सुंदर रंगोली के साथ होगी । बताया जाता है कि बिहार पंचमी का ये पर्व व उत्सव वृंदावन के प्रमुख त्यौहारों में से एक माना जाता है।

प्रत्येक वर्ष इस उत्सव की तैयारी कई दिन पहले ही आरंभ हो जाती है, इस बार भी ये सिलसिला बरकरार रहा। बिहार पंचमी उत्सव के लिए मंदिर को विभिन्न प्रकार के रंगबिरंगे गुब्बारों से सजाया जायेगा । परिसर में केसर और हिना के इत्र का छिड़काव भी किया जाएगा। दीपदान के पश्चात बांके बिहारी मंदिर में विधि वत रूप से बांके बिहारी ठाकुर जी का अभिषेक किया जाएगा। बता दें बिहार पंचमी के दिन विधि वत रूप से घी, शहद, बूरा, दूध और दही के साथ-साथ गुलाब जल से ठाकुरजी का अभिषेक कराया जाता है। सर्दी से बचाव के लिए ठाकुरजी को चंदन के स्थान पर केसर लगाने का भी क्रम शुरू हो जाता है।

अभिषेक के दर्शन सेवायतों के अलावा अन्य श्रद्धालुओं को सुलभ नहीं होते। हर साल मंदिर में पर्दा डालकर अभिषेक किया जाता है। केवल वर्ष में एक ही दिन यानि बिहार पंचमी पर ही चरणामृत के स्थान पर भक्तों को पंचामृत वितरित किया जाता है।अभिषेक के बाद प्राक्ट्य स्थल पर व स्वामी हरिदास जी के समाधि स्थल आदि स्थलों पर आरती की जाती है। इसके बाद हरिदास जी को सवारी में विराजमान करके शोभायात्रा निकाली जाती है, जिसमें भक्त हरिदास जी के साथ बांके बिहारी मंदिर में जाकर उन्हें उनके प्राक्ट्य दिवस की बधाई देते हैं।

स्वामी हरिदास जी ने कृष्ण भक्ति की ऐसी अलक जगाई: वृंदावन की कुंज गलियों में भी एक हरा भरा क्षेत्र है जिसे निधिवन कहते हैं। जो स्वामी हरिदास जी की साधना स्थली हैं। इसी स्थान पर तानपुरा की तान पर स्वामी हरिदास जी ने कृष्ण भक्ति की ऐसी अलक जगाई । जिसकी मिसाल दुनिया में कहीं और नहीं मिलती। ऐसा कहा जाता है सम्राट अकबर तानसेन के गुरु संत स्वामी श्री हरिदास जी का गायन सुनने निधिवन में आए थे। इस गाने को सुनकर सम्राट अकबर ने कहा था कि संगीत की ऐसी जीवंत साधना उन्होंने कहीं नहीं देखी। ये संगीत रूह को छूती है जो की अपने आप में अद्भुत चमत्कार है।

Nidhivan Temple | Top secret story of Nidhivan Temple

श्री बांके बिहारी जी के प्रकट होने पर स्वामी जी का यह प्रथम पद भी प्रकट हुआ:

माई री सहज जोरी प्रगट भई जू रंग कि गौर श्याम घन दामिनी जैसे
प्रथम हूँ हुती अब हूँ आगे हूँ रही है न तरिहहिं जैसें
अंग अंग कि उजराई सुघराई चतुराई सुंदरता ऐसें
श्री हरिदास के स्वामी श्यामा कुंजबिहारी सम वस् वैसें

 

बेहतर होगा घर पर रह कर ही मनाए बिहारी जी प्राकट्य उत्सव, जनसैलाब बन सकता है मुसीबत:

ठा. बांकेबिहारी मंदिर Banke Bihari Mandir में श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने में हलकान जिला प्रशासन और पुलिस की मुश्किलें तीन दिन तक बढ़ती रहेंगी। शनिवार को भी भीड़ नियंत्रित करने में पुलिस के पसीने छूट गए। रविवार की छुट्टी और सोमवार को ठा. बांकेबिहारी का प्राकट्योत्सव। ऐसे में न केवल मंदिर बल्कि निधिवन राज मंदिर से लेकर बांकेबिहारी मंदिर तक भक्तों की जो भीड़ होगी, उसे संभालना चुनौतीपूर्ण होगा। न केवल श्रद्धालुओं की भीड़ बल्कि श्रद्धालुओं के वाहनों से शहर में लगने वाले जाम छुटकारा दिलाना प्रशासन के लिए मुश्किल भरा रहेगा। इस लिए वेहतर होगा आप सभी पैदल ही मंदिर तक पहुंच जाये।

*श्रीमन्नित्यनिकुंजविहारिणे नमः।*
*श्री स्वामी हरिदासोविजयतेतराम्।।*

Shri Banke Bihari Vinay Pachasa with lyrics


Brijbhakti.com और Brij Bhakti Youtube Channel आपको वृंदावन के सभी मंदिरों के बारे में जानकारी उपलब्ध करा रहा है जो भगवान कृष्ण और उनकी लीलाओं से निकटता से जुड़े हुए हैं। हमारा एकमात्र उद्देश्य आपको पवित्र भूमि के हर हिस्से का आनंद लेने देना है, और ऐसा करने में, हम और हमारी टीम आपको वृंदावन के सर्वश्रेष्ठ के बारे में सूचित करने के लिए तैयार हैं।

 

 

 

 

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