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श्री राधा सहस्त्रनाम स्तोत्रम || SRI RADHA SAHASRANAMA STOTRAM LYRICS IN HINDI

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SRI RADHA SAHASRANAMA STOTRAM LYRICS IN HINDI

श्री राधा सहस्त्रनाम स्तोत्रम || SRI RADHA SAHASRANAMA STOTRAM LYRICS IN HINDI

राधा सहस्रनाम (Radha Sahasranama) एक पवित्र स्तोत्र है जो श्री राधा जी के हजार नामों का संकलन है। यह स्तोत्र उनकी महिमा का वर्णन करता है और भक्ति भाव से उन्हें स्मरण करने वालों के लिए अत्यंत फलदायी माना जाता है।

यह स्तोत्र भगवान श्री राधा रानी के प्रति गहरी भक्ति और श्रद्धा से भरा हुआ है। इसे पढ़ने और सुनने से आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होते हैं और यह भक्ति मार्ग में उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है।

॥ श्री राधा सहस्रनाम स्तोत्र ॥

श्री गणेशाय नमः । श्री राधायै नमः ।
श्रीकृष्णाय नमः ।

अस्य श्रीराधा सहस्रनामस्तोत्र महामन्त्रस्य ।
व्यासो भगवान् ऋषिः । अनुष्टुप्छन्दः ।
श्रीराधा कृष्णदेवता । श्रीमतिः शक्तिः ।
श्रीमालाराधानन्दनः कीलकम् ।
श्रीराधाप्रीत्यर्थे जपे विनियोगः ।

ध्यानम् ।
रक्ताम्बरां रक्तवर्णां रक्ताभरणभूषिताम् ।
रक्तपुष्पेच्छहस्ताभां राधां ध्यायेत् मुकुन्दप्रियाम् ॥

॥ श्री राधा सहस्रनामस्तोत्र ॥

राधा कृपा निधानायै स्वाहा
(राधा जो कृपा का भंडार हैं, उन्हें नमस्कार)

राधा अर्घ्य प्रणायायै स्वाहा
(राधा जिन्हें प्रणाम करने पर अर्घ्य मिलता है, उन्हें नमस्कार)

राधा पद्मनिभायै स्वाहा
(राधा जिनका स्वरूप कमल जैसा है, उन्हें नमस्कार)

राधा पुण्यरूपिण्यै स्वाहा
(राधा जो पुण्य की प्रतीक हैं, उन्हें नमस्कार)

राधा रक्ताम्बरायै स्वाहा
(राधा जो लाल वस्त्र धारण करती हैं, उन्हें नमस्कार)

राधा रक्ताभरणायै स्वाहा
(राधा जो लाल आभूषण धारण करती हैं, उन्हें नमस्कार)

 

राधाकृष्ण की भूमि में भक्ति की खोज

 

राधा रक्तपुष्पाभायै स्वाहा
(राधा जिनका रंग लाल फूल जैसा है, उन्हें नमस्कार)

राधा पुष्पवाटिकायै स्वाहा
(राधा जो पुष्पों की वाटिका में निवास करती हैं, उन्हें नमस्कार)

राधा पूर्णचन्द्रायै स्वाहा
(राधा जो पूर्ण चन्द्र के समान हैं, उन्हें नमस्कार)

राधा चन्द्रमण्डलायै स्वाहा
(राधा जो चन्द्रमण्डल में निवास करती हैं, उन्हें नमस्कार)

राधा मणिमालिन्यै स्वाहा
(राधा जो मणियों की माला पहनती हैं, उन्हें नमस्कार)

राधा श्रीकृष्णानन्दायै स्वाहा
(राधा जो श्रीकृष्ण की आनन्द हैं, उन्हें नमस्कार)

राधा सच्चिदानन्दायै स्वाहा
(राधा जो सच्चिदानंद स्वरूप हैं, उन्हें नमस्कार)

राधा आनन्ददायिन्यै स्वाहा
(राधा जो आनन्द देने वाली हैं, उन्हें नमस्कार)

राधा गोपिकावरेण्यै स्वाहा
(राधा जो गोपिकाओं में श्रेष्ठ हैं, उन्हें नमस्कार)

राधा व्रजेश्वर्यै स्वाहा
(राधा जो व्रज की रानी हैं, उन्हें नमस्कार)

राधा वृन्दावनेशायै स्वाहा
(राधा जो वृन्दावन की स्वामिनी हैं, उन्हें नमस्कार)

राधा नन्दनन्दनायै स्वाहा
(राधा जो नंदनंदन श्रीकृष्ण की प्रिया हैं, उन्हें नमस्कार)

राधा प्रेमविभूषितायै स्वाहा
(राधा जो प्रेम से विभूषित हैं, उन्हें नमस्कार)

राधा कन्दर्पसुनुदायै स्वाहा
(राधा जो कामदेव को भी मोहित कर देती हैं, उन्हें नमस्कार)

राधा रसिकवरेण्यै स्वाहा
(राधा जो रसिकों में श्रेष्ठ हैं, उन्हें नमस्कार)

राधा गोपिकेश्वर्यै स्वाहा
(राधा जो गोपियों की रानी हैं, उन्हें नमस्कार)

राधा रासरसायिन्यै स्वाहा
(राधा जो रास के रस में तल्लीन रहती हैं, उन्हें नमस्कार)

राधा नित्यविहारिण्यै स्वाहा
(राधा जो नित्य विहार में लीन रहती हैं, उन्हें नमस्कार)

राधा माधवसंयुक्तायै स्वाहा
(राधा जो माधव श्रीकृष्ण से संयुक्त हैं, उन्हें नमस्कार)

राधा रुक्मिण्यै स्वाहा
(राधा जो रुक्मिणी स्वरूप हैं, उन्हें नमस्कार)

श्री राधा सहस्त्रनाम स्तोत्रम || SRI RADHA SAHASRANAMA STOTRAM LYRICS IN HINDI

राधा सत्यभामायै स्वाहा
(राधा जो सत्यभामा स्वरूप हैं, उन्हें नमस्कार)

राधा जांबवत्यै स्वाहा
(राधा जो जांबवती स्वरूप हैं, उन्हें नमस्कार)

राधा कालिन्दीतनयायै स्वाहा
(राधा जो यमुना नदी की पुत्री हैं, उन्हें नमस्कार)

राधा यमुनाजलायै स्वाहा
(राधा जिनका स्वरूप यमुना जल जैसा है, उन्हें नमस्कार)

राधा मुरलीधरप्रियायै स्वाहा
(राधा जो मुरलीधर श्रीकृष्ण की प्रिय हैं, उन्हें नमस्कार)

राधा गोवर्धनधारिण्यै स्वाहा
(राधा जो गोवर्धनधारी श्रीकृष्ण की प्रिया हैं, उन्हें नमस्कार)

राधा गोकुलविहारिण्यै स्वाहा
(राधा जो गोकुल में विहार करती हैं, उन्हें नमस्कार)

राधा गोकुलप्रेयस्यै स्वाहा
(राधा जो गोकुलवासियों की प्रिय हैं, उन्हें नमस्कार)

राधा हरिप्रियायै स्वाहा
(राधा जो हरि श्रीकृष्ण की प्रिय हैं, उन्हें नमस्कार)

राधा देवर्षिवन्दितायै स्वाहा
(राधा जिन्हें देवर्षि वंदन करते हैं, उन्हें नमस्कार)

राधा मुनिसंस्तुतायै स्वाहा
(राधा जिन्हें मुनि प्रशंसा करते हैं, उन्हें नमस्कार)

राधा व्रजविलासिन्यै स्वाहा
(राधा जो व्रज में विहार करती हैं, उन्हें नमस्कार)

राधा गोपीजननायिकायै स्वाहा
(राधा जो गोपियों की नायिका हैं, उन्हें नमस्कार)

राधा रसिकमण्डलायै स्वाहा
(राधा जो रसिकों की मंडली की अधिष्ठात्री हैं, उन्हें नमस्कार)

राधा कृष्णमनोहरायै स्वाहा
(राधा जो कृष्ण का मन मोहित करती हैं, उन्हें नमस्कार)

राधा श्रीवृन्दावनेश्वर्यै स्वाहा
(राधा जो श्रीवृन्दावन की अधीश्वरी हैं, उन्हें नमस्कार)

राधा पावनवन्द्यायै स्वाहा
(राधा जो पावन हैं और वंदनीय हैं, उन्हें नमस्कार)

राधा करुणासागरायै स्वाहा
(राधा जो करुणा का सागर हैं, उन्हें नमस्कार)

राधा भक्तजनाश्रयायै स्वाहा
(राधा जो भक्तजनों की आश्रय हैं, उन्हें नमस्कार)

राधा भक्तिगम्यायै स्वाहा
(राधा जो भक्ति के द्वारा प्राप्त होती हैं, उन्हें नमस्कार)

राधा शरण्यायै स्वाहा
(राधा जो शरणागत वत्सल हैं, उन्हें नमस्कार)

राधा सर्वमङ्गलायै स्वाहा
(राधा जो सर्वमंगलकारी हैं, उन्हें नमस्कार)

राधा सर्वानन्ददायिन्यै स्वाहा
(राधा जो सबको आनंद देती हैं, उन्हें नमस्कार)

राधा सर्वत्रजगन्मयी स्वाहा
(राधा जो सम्पूर्ण जगत में व्याप्त हैं, उन्हें नमस्कार)

राधा सर्वेष्टफलप्रदायै स्वाहा
(राधा जो सबकी इच्छित फल देने वाली हैं, उन्हें नमस्कार)

राधा परमानन्दायै स्वाहा
(राधा जो परमानन्द स्वरूप हैं, उन्हें नमस्कार)

राधा परमार्थदायिन्यै स्वाहा
(राधा जो परम अर्थ देने वाली हैं, उन्हें नमस्कार)

राधा परमानन्दलहरी स्वाहा
(राधा जो परमानन्द की लहर हैं, उन्हें नमस्कार)

राधा रससुधामयी स्वाहा
(राधा जो रस की सुधा से भरी हैं, उन्हें नमस्कार)

राधा रसप्रिया स्वाहा
(राधा जो रस की प्रिय हैं, उन्हें नमस्कार)

राधा रसविहारिण्यै स्वाहा
(राधा जो रस के विहार में लीन रहती हैं, उन्हें नमस्कार)

राधा रसिकेश्वर्यै स्वाहा
(राधा जो रसिकों की रानी हैं, उन्हें नमस्कार)

राधा रसिकमण्डलायै स्वाहा
(राधा जो रसिकों की मंडली की अधिष्ठात्री हैं, उन्हें नमस्कार)

राधा रसप्रिये स्वाहा
(राधा जो रस की प्रिय हैं, उन्हें नमस्कार)

॥ इति श्री राधा सहस्रनाम स्तोत्रं संपूर्णम् ॥

श्री राधा कृपा कटाक्ष स्त्रोत्र हिंदी में

What are the benefits of Radha Sahasranam?

श्री राधा सहस्त्रनाम स्तोत्रम का पाठ करने के कई आध्यात्मिक और मानसिक लाभ हो सकते हैं। यह स्तोत्रम 1000 नामों का संग्रह है जो देवी राधा की महिमा और गुणों का वर्णन करता है। इसके नियमित पाठ से निम्नलिखित फायदे हैं:
  1. आध्यात्मिक उन्नति: श्री राधा सहस्त्रनाम का पाठ करने से व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति होती है और उसे भक्ति का अनुभव होता है। यह भगवान कृष्ण और देवी राधा के प्रति प्रेम और भक्ति को बढ़ाता है।
  2. मानसिक शांति: इस स्तोत्रम का नियमित पाठ मानसिक शांति प्रदान करता है। इससे चिंता, तनाव और मानसिक अस्थिरता में कमी आती है और मन को सुकून मिलता है।
  3. सकारात्मक ऊर्जा: श्री राधा के 1000 नामों का स्मरण करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह नकारात्मक विचारों और ऊर्जाओं को दूर करने में सहायक होता है।
  4. धार्मिक लाभ: इसे पाठ करने से व्यक्ति को धार्मिक लाभ प्राप्त होते हैं। यह पुण्य का अर्जन करने और जीवन में धर्म और सत्य की राह पर चलने के लिए प्रेरित करता है।
  5. कर्मों का शुद्धिकरण: यह माना जाता है कि श्री राधा सहस्त्रनाम का पाठ करने से व्यक्ति के बुरे कर्मों का शुद्धिकरण होता है और उसे भगवान की कृपा प्राप्त होती है।
  6. शारीरिक स्वास्थ्य: मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव व्यक्ति के शारीरिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। इससे स्वास्थ्य में सुधार होता है और व्यक्ति को रोगों से मुक्ति मिलती है।
  7. समृद्धि और खुशहाली: इस स्तोत्रम का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में समृद्धि और खुशहाली आती है। देवी राधा की कृपा से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर होते हैं और उसे सुख-शांति मिलती है।

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